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गर्भावस्था में व्यायाम (Pregnancy Exercise for Normal Delivery in Hindi)

आपके डिलीवरी के तैयारी के लिए Pregnancy exercise for normal delivery in hindi के कई लाभ है।

गर्भावस्था में व्यायाम के लाभ  (Pregnancy exercise for Normal Delivery in Hindi Benefits)

गर्भावस्था में व्यायाम से आपको कमर के दर्द से आराम मिलता है और गर्भावस्था में अत्यधिक वज़न बढ़ने की सभावना कम हो जाती है। यह प्रसव को भी आसान बनाता है ।

गर्भावस्था में व्यायाम आपका blood pressure (उच्च रक्तचाप), gestational diabetes (गर्भावस्था  का मधुमेह) और cesarean operation (सिज़ेरियन ऑपरेशन) की सभावना को भी कम करता है।

डॉ अमन सचदेवा, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट (Physiotherapist), कहते हैं “गर्भावस्था में व्यायाम आपकी पूर्व fitness पर निर्भर करता है। अगर आप पहली बार  फिजिकल एक्टिविटी की शुरुआत कर रही है तो आप 15 मिनट की सैर से शुरू करके, इसे 45 मिनट तक धीरे – धीरे बढ़ाइये। “

“अगर आपकी गर्भावस्था नॉर्मल  चल रही है और आप पूर्व व्यायाम करने वालो में से है, तो आप उन्हें गर्भावस्था में भी उनमे कुछ परिवर्तन करके जारी रख सकते है।”

Pregnancy exercise for Normal Delivery in Hindi- गर्भावस्था के लिए 5 आसान व्यायाम

निम्‍न्लिखित व्यायाम संपूर्ण गर्भावस्था में सुरक्षित है (1st month to 9th month pregnancy) । अगर आपको कोई मेडिकल विकार या परेशानी है जैसे कमर दर्द तो व्यायाम करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।

उकडूँ बैठना – Squat Pregnancy Exercise for Normal Delivery

उकडूँ बैठना व्यायाम ऐसे करें :

    • सीधे खड़े रहें और अपने पैरों को कंधो जितना खुला रखें

 

    • अपने हाथों को सीधे अपने शरीर के सामने स्थिर रखने का प्रयास करें

 

    • अपने एड़ी पे वज़न लेते हुए और पीठ को सीधा रख कर उकडूँ बैठें

 

    • ध्यान रहे की घुटने ना झुकें

 

  • अपने ग्लूटस पेशी (gluteus muscle) पे ज़ोर देते हुए वापस खड़े हो जाएँ

आप यह व्यायाम एक कुर्सी या अपने पति के मदद से भी कर सकती है।

क्या आपके मन में व्यायाम संबंधित प्रश्न है? दक्षिण दिल्ली में हमारे हस्पताल आकर अपनी परामर्श मुफ़्त पाएं ! हमें +919871001458 पर कॉल करें।

स्क्वाट (उकडूँ बैठना) के बहुत लाभ हैं – Benefits of Squats Exercise During Pregnancy in Hindi

    • पेल्विक फ्लोर के शक्ति बढ़ते है

 

    • पीठ और पेल्विक के दर्द से बचाव

 

  • शिशु का श्रोणि में नीचे उतरने में सहायक

सीताराम भरतिया में हम आपको इन व्ययायामो को अपने प्रसव साथी (birth partner) और प्रसूति कक्ष (Labour and Delivery class) में करने के लिए प्रोत्साहित करते है।

बटरफ्लाई एक्सरसाइज या पूर्ण तितली आसन – Butterfly Exercise During Pregnancy in Hindi

यह व्यायाम ऐसे करें:

    • फर्श पर सीधे पीठ रख कर बैठे। अपने पैरों को अपने सामने सीधा रखे।

 

    • अपने घुटनों को धीरे से मोड़े और अपने पैरों को अपने श्रोणि की ओर लाए।

 

    • अपने पैरों के तलवों को एक साथ लगाए और अपने  घुटनों को विपरीत दिशा में स्थित करें।

 

  • अपने घुटनों को ऊपर ले जाए और फिर धीरे से दबाएं। दोबारा दोहराएं जिस प्रकार कि आपके लिए सही हो।

    Butterfly Pregnancy Exercise for Normal Delivery के लाभ हैं :
  • पेलविक फ्लोर के शक्ति बढ़ते है
  • भीतरी जांघ (inner thigh) और कूल्हों (hips) को खोलता है जिससे प्रसव मे आसानी होती है
  • आंतो के समस्याओ का समाधान है

बिल्ली और ऊंट व्यायाम – Cat and Camel Pregnancy Exercise for Normal Delivery in Hindi

यह व्यायाम ऐसे करें:

    • नीचे झुक जाए और अपने हाथ और घुटनो पर चौपाया जानवर की तरह हो जाएँ ।

 

    • अपने सिर को आराम से ढीला छोड़ दें ।

 

    • अपनी पीठ को ऊपर छत की तरफ उठाएँ। इससे आपके पीठ के ऊपरी, मध्य और निचला हिस्सा खुलता हैं ।

 

    • जब आप खिचाव महसूस करें, तो उसी स्थिति में रहे जितनी देर संभव हो सकें। अन्यथा 15 से 20 सेकंड पर्याप्त है।

 

    • वापस अपने पीठ को सीधा करें

 

    • फर्श की ओर अपने पेट को झुका के अपनी पीठ को थोड़ा स्विंग (swing)  करने की अनुमति दें

 

  • छत की ओर अपने बटक्स (buttocks) को उठाएँ

गर्भावस्था में व्यायाम बिल्ली और ऊंट  निम्‍नरूप से मदद करता है:

    • आपके पोस्चर और संतुलन को सुधारता है।

 

    • कूल्हों, पेट और पीठ को स्ट्रेच (stretch) करता है।

 

  • आपके पेट की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।

ब्रिजिंग व्यायाम (Bridging Pregnancy Exercise for Normal Delivery in Hindi)

यह व्यायाम ऐसे करें:

    • अपनी पीठ पर लेट जाएँ।

 

    • अपने घुटनों को मोड़े और उन्हें अपने नितंबों से कुछ इंच आगे रखें।

 

    • अपने कूल्हों के मांसपेशियों को सिकोड़ते  (squeeze) हुए, अपने पैरो के पंजो से ज़ोर लगाते हुए अपने नितंबों को ज़मीन से उठा लें ।

 

    • कुछ देर ऐसे रहे बिना खुद को थकाए और फिर वापस कुल्हो को ज़मीन पर ले आऎं।

      ब्रिजिंग व्यायाम के यह लाभ है :

 

    • आपके कूल्हों और जांघ की शक्ति बढ़ाता है।

 

  • आपकी पेलविस का शक्तिकरण करता है जिससे प्रसव में आसानी होती है ।

अंत में, आपको सांस लेने का अभ्यास भी करना चाहिए। प्रसव के समय ये महत्वपूर्ण व्यायाम है जो मन को शांत करता है और प्रसव पीड़ा से भी आपका ध्यान बटाता है।

श्‍वास व्यायाम (Breathing Exercise during Pregnancy video in Hindi)

यह व्यायाम ऐसे करें:

    • अपनी पीठ सीधे रख कर बैठें।

 

    • अपने दाहिने हाथ को पेट पर रखें और बायीं हाथ अपनी छाती पर रखें।

 

    • अब आप अपनी नाक से सांस लीजिए।  यह करते हुए आपका पेट दाहिने हाथ को ऊपर धकेल देगा।  

 

    • इस प्रक्रिया के दौरान आपकी छाती हिलनी नही चाहिए।

 

    • अब धीरे-धीरे अपने मुँह से सांस बाहर निकालें ।

 

  • इस प्रक्रिया के दौरान आपका पेट अंदर  की ओर जाएगा।

श्‍वास व्यायाम गर्भावस्था और प्रसव के दौरान ऐसे मदद करता है:

  • यह आपको तनावमुक्त करता है और प्रसव की पीड़ा को झेलने में साहयता करता है।

प्रेगनेंसी के दौरान अधिक ऑक्सीजन की ज़रुरत को पूरा करता है। इससे  जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में आराम आ जाता है।

Pregnancy exercise for Normal Delivery in Hindi Precautions – व्यायाम के समय इन बातो का ध्यान रखें

दिल्ली  निवासियों के लिए कुछ पर्यावरण संबंधित चुनौतिया है। हमारे शहर में वायु प्रदूषण, अत्यधिक गर्मी और वायु मे नमी गर्भावस्था में अतिरिक्त जोखिम की स्थिति पैदा कर देते है। दिल्ली में पैदलपथ का आभाव भी एक अड़चन है।

हम निम्‍न सावधानियो की सलाह देते हैं।

    1. प्रातःकाल और सायंकाल के दौरान सैर और बाहर व्यायाम ना करें क्यूंकि इस समय प्रदूषण सबसे ज़्यादा होता है। अन्यथा मास्क (mask) का उपयोग करें।

 

    1. अपने शरीर की नमी का ध्यान रखें। अगर पानी नहीं पीना चाह रहे है, तो नींबू पानी या नारियल पानी पिए।

 

  1. कोशिश करे कि आप पार्क या ट्रेडमिल (treadmill) पर सैर करे। सड़क पर सैर करते समय, सड़क के बाएँ तरफ, ट्रैफिक के तरफ मुख करके चलें।

    अगर व्यायाम के दौरान आप बहुत थक रही हैं या आपको चक्कर आ रहे हैं या पेट में दर्द और रक्तस्राव (bleeding) होता है तो तुरंत व्यायाम रोकें और अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

यह ब्लॉग डॉ. अमन सचदेवा के मार्गदर्शन द्वारा लिखा गया है | वह एक अनुभवी physiotherapist है जो अपने खुशमिज़ाज स्वाभाव के लिए जाने जाते है |

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