8 Month Pregnancy Care in Hindi: गर्भावस्था के आंठवे महीने में रखें इन चीज़ों का ख्याल

30 वर्ष की दिव्या का यह पहला बच्चा था और वह चाहती थी की वह हर उचित उपचार अपनाये | इसीलिए आंठवा महीना होते ही वह अपने और अपने शिशु के देखभाल (8 month pregnancy care in hindi) के लिए सीताराम भरतिया आयी |

दिव्या की पूरी तरह जाँच करने पर पता चला की उसका और उसका शिशु एकदम स्वस्थ थे |  

“यह अच्छी बात हैं की दिव्या गर्भावस्था के आठ महीने (8 month pregnancy in hindi) अपना भरपूर ख्याल रखती आ रही हैं और समय पे अपना जाँच भी करा रही हैं,” ऐसा कहती हैं डॉ पञ्चमप्रीत कौर सीताराम भरतिया के Consultant Obstetrician|

परन्तु ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो एक सुरक्षित अथवा नार्मल डिलीवरी के लिए ध्यान में रखना अनिवार्य हैं |

जिज्ञासा से परिपूर्ण दिव्या पूछती, “आंठवे महीने में शिशु की स्थिति क्या होती हैं?”

गर्भावस्था के आंठवे महीने में शिशु का हाल

डॉ पञ्चमप्रीत कौर ने कहाँ,”आंठवे महीने में शिशु अपने विकास के आखरी पड़ाव पर  होता हैं | उसके सुनने की शक्ति पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं |”

और तो और इस समय आपके शिशु की हलचल (8 month pregnancy baby movement in hindi) बढ़ जाती हैं | वह अधिक मात्रा में लात मारने लगता हैं |

आंठवे महीने में गर्भ में शिशु की पोजीशन पे भी खास ध्यान दिया जाता हैं (8 month of pregnancy baby position in hindi) |  शिशु का सर अब नीचे बर्थ कनाल (birth canal) की तरफ हो जाना चाहिए |

यह सुनकर दिव्या अपने और अपने शिशु के देखभाल के लिए (8 month pregnancy care in hindi) सही उपचार के बारे में पूछताछ करने लगी |

गर्भावस्था के आंठवे महीने में  देखभाल के उपचार (8 month pregnancy care in hindi)

सेहतमंद भोजन खाएं  

“जैसे जैसे शिशु का विकास होने लगता हैं वैसे वैसे उसके खाने की ज़रूरते भी बढ़ती जाती हैं | इसलिए इस महीने में यह अनिवार्य हैं की होने वाली माँ पौष्टिक आहार का सेवन करे,” डॉ पञ्चमप्रीत कका कहना था |

यह सुनकर दिव्या बोली, “आंठवे महीने के अनुसार डाइट चार्ट (8 month pregnancy diet chart in hindi) में क्या क्या होना चाहिए और क्या क्या नहीं होना चाहिए?”

इस समय आपको अपने डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए | छोटी मात्रा में पर बार बार भोजन करना चाहिए और ज़्यादा तर ताज़ी फल ,सब्ज़ियों का सेवन करना चाहिए |

डॉ पञ्चमप्रीत का सुझाव था, “आंठवें महीने गर्भवती महिला को फाइबर का सेवन करना चाहिए ताकि कॉन्स्टिपेशन (constipation) न हो | ”

“और तो और ध्यान रहे की आप इस समय ज़्यादा तेल वाले खाने, मिर्ची वाले खाने और junk food से कोसो दूर रहें|”

ज़्यादा मात्रा में पानी पीना भी इस समय स्वास्थ्य के लिए लाभदायी होता हैं ताकि आप हर समय hydrated रहे |

सही व्यायाम करें

गर्भावस्था के इस पड़ाव में शिशु का वज़न बढ़ जाने पर माँ के शरीर और पीठ पर काफी दबाव पढ़ने लगता हैं | इसी वजह से इस समय सही व्यायाम करना माँ और शिशु के देखभाल (8 month pregnancy care in hindi) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं |

“साँस लेने में परेशानी होना इस समय एक आम बात हैं | परंतु  breathing exercises करने से इसमें काफी सहायता मिलती हैं,”डॉ पञ्चमप्रीत  का कहना था |

यह अतिआवश्यक हैं की आप हर समय सही पोस्चर (posture) रखें और ज़्यादा देर तक खड़े ना रहे क्युकी इससे आपके पीठ पर शिशु का सारा भार आजाता हैं |

आसान योग आसन और stretches करने से आपको एक नार्मल डिलीवरी देने में सहायता मिलेगी | 

ज़रूरी टेस्ट करें

जैसे जैसे डिलीवरी की तारीख पास आने लगती हैं वैसे वैसे डॉक्टर के पास जाँच करने की frequency भी बढ़ती जाती हैं |

यह अनिवार्य हैं की आप इस समय सारे ज़रूरी  जाँच करवाए ताकि आपके शिशु को कोई खतरा न हो |

आँठवे महीने में यह सारे  टेस्ट अनिवार्य हैं:

  • वज़न और ब्लड प्रेशर का माप
  • शुगर और प्रोटीन के लिए urine test
  • शिशु के धड़कन की जाँच
  • शिशु की position और उसकी लम्बाई      

स्तनपान के बारेमें जानिए

“आपका शिशु अब कुछ ही दिनों में आपकी गोद में होने वाला हैं | अगर आप पहली बार माँ बनने वाली हैं तो यह अच्छा होगा की आप स्तनपान और डायपर बदलने की classes ले ताकि आप अपने शिशु के लिए पूरी तरह से तैयार रहें  ,” डॉ पञ्चमप्रीत ने कहा |

यह सुनकर दिव्या ने सीताराम भरतिया के Antenatal classes में अपने आप को भर्ती किया ताकि वह अपने शिशु के लिए पूरी तरह से तैयार रहें|  

“मैं इन सारे  उपचारों का नियमपूर्वक पालन करुँगी ताकि मेरा शिशु स्वस्थ्य रहे और मैं एक नॉर्मल डिलीवरी कर सकू,” दिव्या ने कहा |

 

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Medically Reviewed by Dr. Namrita Gurpal Singh Sandhu

MBBS, Government Medical College & Hospital, Chandigarh, India (2005) DNB, National Board of Examinations (2012), ­­­­MRCOG (Part One), Royal College of Obstetricians and Gynaecologists (2015), Diploma in Gynecological Laproscopy, Hysteroscopy and Urogynecology, Kiehls school, Germany (2019)

Experience: 10+ years

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