अगर आप गर्भावस्था में डायबिटीज (Gestational Diabetes meaning in Hindi) से ग्रसित हैं, तो आपको चिंतित होने की ज़रुरत नहीं।
ब्लड शुगर (blood sugar) के सही नियंत्रण से, शिशु पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ता । और आप नॉर्मल डिलीवरी के लिए भी कोशिश कर सकते है। और जानने के लिए आगे पढ़े।
1. जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes in Hindi) के कारण
गर्भावस्था के डायबिटीज का प्रांरभ अकसर पाँचवे महीने में होता है और यह अवस्था डिलीवरी के बाद वापस नार्मल हो जाती है ।
” यह अवस्था तब होती है जब शरीर उपयुक्त मात्रा में इन्सुलिन (insulin) नहीं बना पाता ” डॉ स्वाति सिन्हा ने समझाया ।
2. गर्भावस्था में डायबिटीज की संभावना
भारतीय महिलाएं को जेस्टेशनल डायबिटीज का ज़्यादा खतरा होता है ।
“ अगर आपके परिवार में डायबिटीज है या आपका वज़न ज़्यादा है या फिर आपके पिछले बच्चे का वज़न (जन्म के समय ) 4 kg से ज़्यादा था तो आपको गर्भावस्था में डायबिटीज का जोखिम है “ डॉ स्वाति सिन्हा ने कहा ।
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3. Gestational Diabetes Treatment and Meaning in Hindi – गर्भावस्था में डायबिटीज का उपचार
अगर गर्भावस्था में डायबिटीज का ध्यान न रखा जाए तो आपको और आपके शिशु को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान और उसके बाद परेशानी हो सकती है।
” खानपान और जीवनशैली में सही रूपान्तर और ज़रुरत अनुसार दवाई एवं इन्सुलिन (insulin) से गर्भावस्था में डायबिटीज को भली प्रकार से नियंत्रित रखा जा सकता है । “
Watch: What Your Gestational Diabetes Diet Should Include
4. गर्भावस्था में डायबिटीज और प्रसव (Gestational Diabetes in Hindi and Labour)
आपके शिशु के विकास की निगरानी के लिए, कुछ और अल्ट्रासाउंड (ultrasound) कराने पड़ सकते है।
” गर्भावस्था में डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं के शिशु का जन्म के समय वज़न ज़्यादा हो सकता है, परंतु इसके लिए हमेशा सिजेरियन (cesarean) ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं पड़ती ” डॉ स्वाति ने कहा।
” अगर आपका प्रसव प्राकृतिक रूप से शुरु नही होता, तो हम 38 – 40 सप्ताह में दवाइयों से प्रसव आरंभ करने का प्रयत्न करते हैं। “
देखिए : गर्भावस्था में डायबिटीज (GDM) से ग्रसित केतकि पाण्डे गुप्ता की नॉर्मल डिलीवरी का विवरण देखें
5. प्रसव के बाद गर्भावस्था में डायबिटीज
प्रसव के 6 – 13 सप्ताह के बाद ब्लड शुगर ( blood sugar) की जांच कराना अत्यन्त आवश्यक है।
” अगर आपकी ब्लड शुगर की जांच नॉर्मल आती है तो इसे प्रत्येक वर्ष दोहराये, खासकर अगर आप दोबारा गर्भवती होना चाहती हैं ” डॉ स्वाति ने सलाह दी।
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