मधुमेह

Diabetes in hindi – मधुमेह-सम्बंधित समस्याओं से कैसे जूँझें?

मधुमेह (diabetes in hindi) के उचित देखभाल के लिए उसको समझना बहुत ज़रूरी है|

मधुमेह का इलाज करने में देर न करें| आपकी अच्छी सेहत के लिए मधुमेह का उचित नियंत्रण करना चाहिए,” ऐसा कहती है डॉक्टर सिल्विया एैरीन, सीताराम भरतिया के Consultant Diabetologist.

मधुमेह के निदान के कुछ ही महीनो बाद गीता यादव, 34, ने हमारे डॉक्टर से जाँच करवाने का सोचा|

“मैं अपने पिछले डॉक्टर के जाँच के बाद व्याकुल थी| अपने सवालों के जवाब ढूंढते हुए मैं सीताराम भरतिया के Diabetes Centre आई,” गीता ने कहा|

जाँच के दौरान डॉक्टर ने गीता को सबसे पहले मधुमेह (diabetes in hindi) से संबंधित जानकारी दी –

मधुमेह क्या है?

“मधुमेह (diabetes in hindi) होने पर आपके शरीर में उपस्थित ब्लड-ग्लूकोज लेवल पर असर पड़ता है और बिना नियंत्रण के यह लेवल शीघ्रता से बढ़ सकता है|”

मधुमेह कई प्रकार के होतें हैं – जैसे  प्री-डायबिटीज (pre-diabetes), मधुमेह टाइप 1 और मधुमेह टाइप 2, या प्रेगनेंसी के दौरान मधुमेह (gestational diabetes)| इसलिए उचित मधुमेह उपचार (diabetes treatment in hindi) आपकी स्थिति और मधुमेह के प्रकार पर निर्भर करता है|

मधुमेह के लक्षण आपके ग्लूकोज़ लेवल पर निर्भर हैं| शुरू में ज़्यादातर लोग मधुमेह के लक्षण अनुभव नहीं करते, खास-तौर पर प्री-डायबिटीज (pre-diabetes) या मधुमेह टाइप 2 से पीड़ित लोग| लेकिन टाइप 1 मधुमेह में लक्षण काफ़ी जल्दी महसूस होने लगते हैं|

देरी न करें, और जल्द डॉक्टर से जाँच करवाएं| ध्यान में रखें यह मधुमेह के लक्षण

  • ज़्यादा प्यास लगना
  • बारबार पिशाब का आना
  • थकान और चिड़चिड़ापन
  • अचानक वज़न घटना
  • धुँधला दिखाई देना
  • हाथों और पैरों में झुनझुनी महसूस होना
  • घाव भरने में ज़्यादा देर लगना
  • ज़्यादा भूख लगना

यदि आपको यह मधुमेह के लक्षण महसूस हो रहे हो तो देरी न करें! जितना हो सके उतनी जल्दी मधुमेह का इलाज करवाना आवश्यक है|

मधुमेह (diabetes in hindi) जड़ से ख़त्म नहीं हो सकता| लेकिन, यदि आप जीवन में शासन बनाए रखें तो इस रोग को क़ाबू में लाया जा सकता है|”

डॉक्टर ने गीता को समझाया – “अगर मधुमेह को सही समय से नियंत्रण में न लाया जाए, तो मधुमेह-संबंधित अन्य समस्याएँ होने की संभावना बढ़ जाती है|”

मधुमेह-संबंधित समस्याओं का निवारण

अपने ग्लूकोज़ लेवल को कंट्रोल में रखना मधुमेह के नियंत्रण का पहला कदम है| आगे पढ़े कुछ टिप्स जिसके उपयोग से आप मधुमेह-संबंधित समस्याओं को भी कंट्रोल में रख सकते हैं –

  1. हृदय का नियमित समय पर जाँच कराएं

    डॉक्टर ने गीता को साल में कम से कम एक बार अपना कोलेस्ट्रॉल (cholestrol) और ब्लड-प्रेशर (blood pressure) चेक-अप करवाने की सलाह दी|

    मधुमेह (diabetes in hindi) होने पर हृदय के रोग की संभावना बढ़ जाती है इसलिए समयपूर्वक इस समस्या को संभाल लेना ही उचित है|”

    आपके dietician आपको पौष्टिक आहार और नियमानुसार व्यायाम करने की सलाह देंगे| कोलेस्ट्रॉल और आदि से बचने के लिए तेल-युक्त आहार का सेवन भी कम करें|

    अगर आपको दवा की ज़रुरत पढ़े तो अपने डॉक्टर के परामर्श से ही लें|

     

  2. अपने पैरों का ध्यान रखें

    उच्च ग्लूकोज़ लेवल होने पर आपके पैरों की तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है|

    बिना ट्रीटमेंट के पैरों में दर्द या झुनझुनी महसूस हो सकती है, और छाले भी पड़ सकते हैं| अपने पैरों को अनदेखा न करें और अपने डॉक्टर की सलाह से यह टिप्स अपनाएं:

    – पैरों को रोज़ गुनगुने पानी से धोएं| पैरों को पानी में ज़्यादा देर तक डूबो कर न रखें क्योंकि इससे आपकी त्वचा सूख जाती है|
    – नंगे पैर घर और बाहर न घूमें|
    – रोज़ खुद से पैरों की जाँच करें| यदि कोई छालें, घाव, फोड़ें या सूजन ठीक न हो तो अपने डॉक्टर को जल्द दिखाएं|

     

  3. उचित समय पर vaccine लगवालें

    मधुमेह से जूझते लोगों को नियमित समय पर vaccine लगवा लेने चाहिए:

    – Influenza vaccine: हर साल अगस्त से अक्टूबर (flu season) के महीनों में एक बार influenza vaccine लगवा लें|

    – Pneumonia vaccine: 65 से कम उम्र के लोगो को ज़िन्दगी में एक बार pneumonia vaccine लगवा लेना चाहिए| यदि आपकी उम्र 65 या उससे ऊपर हो, या आप मधुमेह-संबंधित समस्याओं से जूंझ रहें हो, तो अपने डॉक्टर के सलाह से ही यह vaccine लगवाएं|

    – Hepatitis B vaccine: यह vaccine एक बार ही लगाना पड़ता है| यदि आपको कभी hepatitis B vaccine न लगा हो तो अपने डॉक्टर के परामर्श से यह vaccine लगवा लें|

     

  4. स्ट्रेस manage करना सीखें (stress management)

    कई बार रोज़-मर्रा के ज़िन्दगी में स्ट्रेस की वजह से अपनी देखभाल करना मुश्किल हो जाता है| इस हालत में मधुमेह में निगरानी रखना भी कठिन लग सकता है|

    गीता को यह सुनकर स्ट्रेस management का महत्त्व समझ आया| उन्हें अहसास हुआ की वह भी अपने जीवन में बदलाव लाकर स्ट्रेस कम कर सकतीं हैं|

मधुमेह के उचित कंट्रोल के लिए मैं सकारात्मक सोच के साथ बदलाव लाने लगी| योग और meditation करने से मेरा स्ट्रेस क़ाबू में आने लगी और मैंने अपनी अच्छी सेहत के ओर कदम बढ़ाया,” गीता ने कहा अगले जाँच के बाद|

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