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गर्भनाल (placenta meaning in hindi) – गर्भावस्था में गर्भनाल का महत्व

गर्भावस्था के दौरान महिलाओ के मन में सवाल उठना स्वाभाविक है और उन विषयों में से एक है – गर्भनाल (placenta meaning in hindi)

गर्भनाल एक ऐसा अंग है जो माँ के गर्भ में बढ़ते शिशु को रक्त पहुँचाने में मदद करता है| गर्भावस्था के दौरान, अपने स्वास्थ्य की पूरी जानकारी रखना, आपके और आपके शिशु के सेहत के लिए उचित है| यदि गर्भनाल से संबंधित आपके मन में कुछ सवाल हो तो अपने डॉक्टर से ज़रूर बात करें,” ऐसा कहना है सीताराम भरतिया हॉस्पिटल के सीनियर gynecologist डॉ प्रीति अरोरा धमीजा का|

गर्भावस्था में गर्भनाल की आवश्यकता

गर्भवती महिलाओ के कोख में गर्भनाल शिशु और माँ को जुड़ा रखता है, इसके द्वारा शिशु को माँ के शरीर से रक्त प्राप्त होता है| यह रक्त नाभि रज्जु (umbilical cord) के माध्यम से शिशु के शरीर में आक्सीजन और पोषण पहुँचता है, और शरीर में उत्पादित हो रहे मल को निकालने में मदद करता है| 

आम-तौर पर यह अंग गर्भ के ऊपरी भाग में मौजूद होता है| लेकिन कुछ परिस्थितियों में, जैसे की गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में, यह गर्भनाल (placenta meaning in hindi) गर्भाशय के निचले हिस्से में पाया जा सकता है|

“इस अवस्था को ‘लो-लाइंग’ प्लेसेंटा (low lying placenta in hindi) कहा जाता है| लेकिन घबराने की ज़रुरत नहीं है| जब गर्भाशय बढ़ने लगता है तो यह अंग खुद ही ऊपर चला जाता है|”

Royal College of Obstetricians and Gynecologists (RCOG) के अनुसार, भले ही 20th हफ़्ते में किए गए ultrasound में ‘लो-लाइंग’ प्लेसेंटा (low lying placenta in hindi) नज़र आ रहा हो, लेकिन 90% परिस्थितियों में आगे जाकर महिलाओं को placenta previa नहीं होता|

तीसरी तिमाही में Low Lying Placenta (in Hindi)

यदि समय के साथ भी गर्भवती महिलाओं में गर्भनाल (placenta meaning in hindi) गर्भ के निचले हिस्से से नहीं हिल रहा हो तो जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें| तीसरी तिमाही में इस स्थिति को placenta previa कहा जाता है|

आपके डॉक्टर आपको 32nd हफ़्ते के आस-पास फिर कुछ स्कैन करवाने की सलाह देंगे, जिसके मदद से आपके शिशु और गर्भनाल के दशा की जांच की जाएगी|

“हालांकि ज़्यादातर गर्भवती महिलाएं जो placenta previa से जूंझ रहे है उन्हें कोई लक्षण महसूस नहीं होतें, लेकिन कभी कबार आपको दर्द-रहित रक्तस्राव हो सकता है| इस स्तिथि में आपको bed rest के लिए मशवरा दिया जाएगा,” ऐसा कहना है डॉ प्रीति का|

दिल्ली में हमारे हॉस्पिटल आएं और अपने इलाज के लिए डॉक्टर से मिलें। कंसल्टेशन बुक करने के लिए निचे दिए गए बटन पर क्लिक कर के व्हाट्सप्प करें ।

क्या तीसरे तिमाही में Placenta Previa चिंता का कारण बन सकता है?

यदि आपने पहले cesarean section के द्वारा बच्चे को जन्म दिया हो और इस बार आपको ‘लो-लाइंग’ प्लेसेंटा (low lying placenta in hindi) हुआ हो, तो आप high-risk प्रेगनेंसी से जूंझ रहे हैं| इस कारण एक निपुण हॉस्पिटल का चुनाव अहम है|

यह ध्यान में रखें की placenta previa के कारण हो रहे अधिक रक्तस्त्राव का सही समय पर इलाज नहीं किया जाता तो यह माँ और उसे शिशु के लिए खतरे का कारण बन सकता है| ऐसी आपातकालीन स्थितियाँ से बचने के लिए अपने स्वास्थ्य की जांच नियमित तौर पर करवाते रहें|

यदि आपको कोई रक्तस्राव, संकुचन (contractions) या दर्द अनुभव होता है, तो आपको तुरंत नज़दीकी अस्पताल से संपर्क करें|

इस अवस्था का उचित निदान महत्वपूर्ण है क्योंकि आपको cesarean section करवाने की ज़रुरत पढ़ सकती है| इस वजह से आपके और आपके शिशु के उचित देखभाल के लिए अनुभवी gynecologist का चयन अहम है|

सीताराम भारतिया हॉस्पिटल में डॉ स्वाति को नियमित वेतन दिया जाता है, यानी कि उन्हें अनावश्यक परीक्षणों या प्रक्रियाओं की सलाह के लिए कोई आर्थिक लाभ नहीं होता।

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