ACL reconstruction in hindi

ACL Reconstruction In Hindi – क्या सर्जरी से ठीक हो सकती है ACL Tear ?

खेल के दौरान पैरों और घुटनों पर चोट लगना एक साधारण बात है | परन्तु जब कोई गंभीर चोट लग जाती है तो उसको अक्सर सर्जरी से आसानी से ठीक किया जा सकता है | इनमे से एक चोट है एसीएल लिगामेंट का टूट जाना जिसे कई स्तिथियों में ACL reconstruction (in hindi) सर्जरी से ठीक किया जा सकता है |

चिराग मेहता, 20 साल के कॉलेज के छात्र, एक बहुत ही सक्षम फुटबॉल के खिलाड़ी थे परन्तु एक दिन खेलते-खेलते उनका घुटना मुड़ गया |

जब चोट के पश्चात उनका घुटना सूज गया और दर्द करने लगा तब उनके पिताजी उन्हें सीताराम भरतिया के orthopedics टीम के डॉ. विकास सेठ के पास जांच के लिए ले गए |

डॉ. विकास ने उनके घुटने की अच्छे से जांच करी | सूजन कम करने के लिए उन्होंने चिराग को घुटने पर बर्फ़ की थैली रख कर सेकने को कहा और कुछ दवाइयाँ लिख कर दी जिससे चिराग को दर्द से राहत मिलेगी |

पैर की जांच से डॉ. विकास को आशंका हुई की इस चोट की वजह से कही ACL लिगामेंट टूट न गई हो  (ACL tear) इसीलिए उन्होंने चिराग और उनके पिता को 5 दिन बाद MRI स्कैन कराने को कहाँ |

ACL reconstruction in hindi – क्या होती है एसीएल लिगामेंट ?

एसीएल लिगामेंट का पूरा नाम है Anterior Cruciate Ligament |

डॉ. विकास का कहना है – “ACL घुटने में मौजूद चारों लिगामेंट्स में से सबसे एहम लिगामेंट है और यही एक ऐसा लिगामेंट है जिसको आसानी से आघात पहुँचने की संभावना होती है |”  

घुटना एक ऐसी जगह है जहाँ पर जंघा की हड्डी (thigh bone) और पिंडली की हड्डी (shin bone) आपस में मिलते है | यह दोनों चार लिगामेंट्स द्वारा जुड़े हुए होते है जिसमे से एक है ACL | यह लिगामेंट दोनों हड्डियों के ठीक बीच में उपस्थित होता है और घुटने को स्थिर और अटल रखने में एक मुख्य भूमिका निभाता है |

“अगर इस लिगामेंट को चोट पहँचती है तो घुटना कमज़ोर पड़ जाता है और स्थिर नहीं रह पाता | इसीलिए चलने-फिरने में भी परेशानियाँ आने लगती है |”

चिराग के MRI स्कैन से पता चला कि डॉ. विकास की आशंका सही थी | आघात के कारण उनके दाहिनी घुटने की ACL पूरी तरह से टूट चुकी थी (complete ACL tear)|

“परन्तु उसकी लिगामेंट टूटी कैसे ?” चिराग के पिता ने पुछा |

कैसे होता है ACL tear?

ACL के टूटने की संभावना उन लोगो में ज़्यादा होती है जो रोज़मर्रा के जीवन में खेल-कूद करते है | ACL tear लोगों को खेलते वक़्त ज़्यादा होती है |

डॉ. विकास ने कहाँ – “इस लिगामेंट को चोट उन खेलों में ज़्यादा लगती जिसमें घुटनों पर ज़ोर पड़ता है जैसे की – तेज़ भागते-भागते अचानक से रुक जाना या दिशा बदल लेना, ज़ोर से कूदना और गलत तरीके से लैंड करना या घुटनों पर सीधा आघात पहुँचना |”

कुछ ऐसे खेल है – फुटबॉल, बास्केटबॉल, जिम्नास्टिक्स (gymnastics) अदि |

परन्तु कई बार खेल के अलावा अगर पेर अचनाक से मुड़ जाए तो ACL को चोट पहुँच सकती है |”

यह सुनकर चिराग और उनके पिता को समझ आया की कैसे चिराग के लिगामेंट को चोट आई होगी | चिराग चिंतित हो गया क्योंकि वह नहीं चाहता था कि इस चोट की वजह से उनका फुटबॉल खेलना एकदम ही बंद हो जाए | उन्होंने डॉक्टर से पुछा – “क्या इस tear को ठीक किया जा सकता है ? और कैसे ?”

ACL reconstruction in hindi – कैसे करे ACL tear का इलाज ?

डॉ. विकास ने समझाया – “अगर लिगामेंट के केवल एक हिस्से को आघात पहुँची हो तो अक्सर इसको फिजियोथेरेपी (physiotherapy) और दवाइयों से ठीक किया जा सकता है | परन्तु क्योंकि चिराग का ACL पूर्ण रूप से टूट चूका है, इसको ACL reconstruction (in hindi) सर्जरी से ही ठीक किया जा सकता है |”

सर्जरी का नाम सुनकर चिराग और उनके पिता डर गए और उन्होंने पुछा – “अगर हम सर्जरी कराना न चाहें तो ?”

“जब यह लिगामेंट पूरी तरह से टूट जाता है, तब वह खुदबखुद ठीक नहीं हो पाता और इलाज न कराने पर वह काम करना बंद कर देता है | इस स्तिथि में सर्जरी करानी पड़ जाती है क्योंकि अगर ऐसा न किया गया तो यह समय से पहले आर्थराइटिस और एक घुटनों के दर्द का कारण बन सकता है |”

यह जान कर चिराग के पिता ने जोखिम उठाना ठीक नहीं समझा | उन्होंने कहाँ – “मैं नहीं चाहता कि चिराग का कहलना किसी भी वजह से बंद हो जाए इसीलिए हम यह सर्जरी (ACL reconstruction in hindi) कराने के लिए तैयार है |”

इसके पश्चात उन्होंने सर्जरी के बारे में और सवाल पूछें |

कब करानी चाहिए ACL reconstruction (in hindi) ?

“ज़्यादातर हम सर्जरी कराने से पहले चार से छह हफ़्ते इंतज़ार करते है | इस दौरान हम मरीज़ को कुछ समय तक फिजियोथेरेपी कराने की सलाह देते है | इससे उनका दर्द और सूजन थोड़ा कम हो जाता है और मांसपेशियाँ में मज़बूत होती है |”

ACL reconstruction (in hindi) सर्जरी में क्या होता है ?

“इस सर्जरी में हम टूटे हुए ACL को हटाते हैं और उसकी जगह मरीज़ के घुटने के अन्य हिस्से से मांसपेशी लेकर वापस उसका पुर्निर्माण करते हैं |”

यह क्रिया keyhole सर्जरी या arthroscopy से की जाती है | इसमें छोटा चीरा लगता है और सर्जरी के पश्चात स्वास्थ्य लाभ भी जल्दी होता है |

सर्जरी के बाद कितने दिन हॉस्पिटल में रहना पड़ता है ?

डॉ. अमन सचदेवा, सीताराम भरतिया के Head Physiotherapist ने कहाँ – “इस सर्जरी के बाद आपको एक से दो दिनों के लिए हॉस्पिटल में रखा जाएगा परन्तु अच्छी बात यह है कि आप उसी शाम बैसाखी के सहारे वापस से चल पाएँगे |”

“मैं कबसे कॉलेज जा पाऊँगा ?” चिराग ने पुछा |

डॉ. विकास ने कहाँ – “आप एक हफ़्ते के अंदर-अंदर ही वापस कॉलेज जा पाएँगे परन्तु उसके लिए आपको एक पट्टा पहननी पड़ेगी |”

फिर चिराग ने वह सवाल पुछा जो वह तबसे पूछना चाहता था | “सर्जरी के बाद मैं कबसे खेल पाऊँगा ?”

“जब आपका लिगामेंट और घुटना पूरी तरह से ठीक हो जाएगा तब आप वापस खेलना शुरू कर सकते है | इसमें लगभग छह से नौ महीनों का समय लग सकता है | परन्तु आपको यह ध्यान में रखना है कि सर्जरी के पश्चात आप नियमित रूप से अपने चोट की देख भाल और फिजियोथेरेपी करा रहे है |”

“कुछ महीनों के लिए आपको दौड़ने-भागने से भी परहेज़ करना पड़ेगा |”

ACL reconstruction (in hindi) के बाद फिजियोथेरेपी

इस सर्जरी के बाद ठीक होने के लिए फिजियोथेरेपी एक एहम भूमिका निभाता है |

डॉ. अमन ने कहाँ – “आपकी फिजियोथेरेपी सेशंस सर्जरी के तुरंत बाद से ही शुरू हो जाएंगे | और आपको इन सेशंस में बताए गए व्यायाम नियमित रूप से करने होंगे |”

फिजियोथेरेपी घुटने की मांसपेशियों को मज़बूत कराने में मदद करता है ताकि मरीज़ को चलने-फिरने में आसानी हो | इससे सर्जरी के बाद घुटनों में दर्द और सूजन कम करने में भी सहायता मिलती है |

ACL reconstruction in hindi – सर्जरी के बाद क्या सावधानी बरते ?

चिराग के पिता ने फिर पुछा – “सर्जरी के बाद घर जाकर हमे कौनसी सावधानियाँ बरतनी पड़ेंगी ?”

डॉ. विकास ने कहाँ – “घर जाकर आपको केवल एक चीज़ पर ध्यान देना है | वह है नियमित तौर पर फिजियोथेरेपी व्यायाम करना | अगर आपको घुटनों में अत्याधिक सूजन और दर्द महसूस हो तो आप हमे संपर्क कर सकते हैं |”

सभी जानकारी हासिल करने के पश्चात चिराग और उनके पिता संतुष्ट हुए और उनको सर्जरी कराने में भी कोई डर नहीं लग रहा था | उन्होंने डॉक्टर से सर्जरी की तारीख़ तय करने को कहा |

चिराग की सर्जरी कामयाब रही और वह सर्जरी के बाद ही बैसाखी के साथ बिना किसी कष्ट के चलने लगा | उनके परिवार वालों ने यह ध्यान रखा की वह रोज़ फिजियोथेरेपी के व्यायाम कर रहा था |

 

यह लेख डॉ. विकास सेठ के सहयोग से लिखा गया है। डॉ. विकास सीताराम भारतिया हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट, Orthopedics का पद निभाते है।

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