प्रोस्टेट

पुरुषों में प्रोस्टेट का बढ़ना – जानिएं इसके लक्षण और इलाज के उपाय

प्रोस्टेट का असामन्य रूप से बढ़ना एक ऐसी बीमारी है जो 50 – वर्ष से ऊपर लगभग दो में से एक पुरुष को होती है |  इस बिमारी को Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) के नाम से जाना जाता है |

परंतु 57 वर्षीय सचिन डागर को इस बीमारी का पता तब चला जब उसने अपने पेशाब करने के पैटर्न में बदलाव महसूस किया |

“पिछले कुछ हफ़्तों से मुझे रात को 5-6 बार पेशाब करने के लिए उठना पढ़ता था | ब्लैडर भरा हुआ होने के बावजूत मुझे पेशाब करने में परेशानी आती थी” सचिन ने अपने लक्षण समझाते हुए कहा |

“और तो और बार-बार शौचाल्य जाने के बाद भी मैं पूरी तरह पेशाब नहीं कर पाता था जिससे मैं पूरे दिन बेचैन रहता था |”

परिस्तिथि गंभीर तब हो गई जब वह बहुत ज़ोर लगाने पर भी पेशाब नहीं कर पा रहा था |

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ब्लैडर मूत्र से भर जाने के कारण तीन-चार घंटों के अंदर सचिन के पेट के निचले हिस्से में अधिक दर्द होने लगा |

इससे पहले की समस्या और गंभीर होजाए सचिन ने सीताराम भरतिया डॉ. मयंक उप्पल, को कंसल्ट करने का फैसला किया |

प्रोस्टेट का आकार बढ़ने की पहचान कैसे करे?

डॉ. मयंक ने सचिन के लक्षण ध्यान से सुने | उसके उम्र को  ध्यान में रखते हुए उनको प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने का आभास हुआ |

शारीरिक रूप से सचिन के प्रोस्टेट की जांच करने के लिए डॉ. खन्ना ने Digital Rectal Examination (DRE) करने का फैसला किया | DRE क्रिया करने पर सचिन के प्रोस्टेट में मध्य श्रेणी का सूजन पाया गया |

डॉ. मयंक ने फिर उसको अपने किड्नीस, मूत्रवाहिनी, ब्लैडर और प्रोस्टेट का अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दी | अल्ट्रासाउंड करने पर पता चला की सचिन के प्रोस्टेट का आकार 52 cc हो गया है जबकि आम तौड़ पर एक तंदुरुस्त पुरुष का प्रोस्टेट लगभग 25 cc का होता है |

“जिन पुरुषों को पेशाब करने में परेशानी होती है उनके जांच के लिए हम post void residual urine volume क्रिया भी करते हैं | इस क्रिया में ब्लैडर में बचे हुए पेशाब का माप लिया जाता है ताकि पता चले कि उनमे यूरिन रिटेंशन (urine retention) कितना रहा है | इन पुरुषों में हम uroflowmetry क्रिया भी करते है ताकि हमे उनके पेशाब की प्रवाह और बल का पता चले,” ऐसा कहते है डॉ. मयंक |

सही जांच के लिए Prostate-Specific Antigen (PSA) रक्त-जांच भी किया गया | PSA एक पदार्थ है जो प्रोस्टेट ग्रंथि में पाया जाता है | जब प्रोस्टेट में बढ़त होती है तब खून में PSA की मात्रा बढ़ जाती है | शरीर में अगर PSA की मात्रा असामान्य पाई जाए तो प्रोस्टेट कैंसर का भी खतरा हो सकता है |

सचिन का किड्नी – फंक्शन टेस्ट भी किया गया ताकि किड्नीस में किसी भी प्रकार का नुकसान ढूँढा जा सके |  

सभी जांच से पता चला की सचिन के सारे लक्षण प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से हो रहे थे |

प्रोस्टेट क्या है और उसमे बढ़त क्यों होती है ?

प्रोस्टेट एक अखरोट के आकार की ग्रंथि है जो ब्लैडर के निचले हिस्से में होता है और मूत्रमार्ग को चारो ओर से घेरता है | वह सीमेन में जाने वाले रस को बनता है |

“यह ग्रंथि सिर्फ पुरुषों में पाया जाता है और जीवनभर बढ़ता रहता है | परंतु जब वह बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है तो मूत्रमार्ग पर दबाव डालने लगता है और पेशाब की धरा को रोक सकता है,” डॉ. मयंक ने समझाते हुए कहा |   

प्रोस्टेट

सचिन को अब समझ में आया कि उसको बार-बार पेशाब करने में कष्ट क्यों होता था | वह इस बीमारी के बारे में और जानना चाहता था |

प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने का क्या कारण हो सकता है ?

“रीसर्च यह कहता है कि प्रोस्टेट का आकार उम्र के साथ बदलने वाले होर्मोनेस के कारण होता है | इसमें पुरुषों में पाई जाने वाला हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन (testosterone) का भी कुछ हाथ है |”

सचिन ने प्रोस्टेट कैंसर के बारे में कही पढ़ा हुआ था इसीलिए उसने घबराकर पूछा, “क्या प्रोस्टेट के बढ़ने से कैंसर हो सकता है ?”

प्रोस्टेट के बढ़ने से कभी कैंसर नहीं होता | इसीलिए चिंता न करें,” डॉ. मयंक ने कहा |

पूरी तरह इस बीमारी की जानकारी लेने के बाद सचिन अपने इलाज के बारे में डॉक्टर से परामर्श करने लगा |

प्रोस्टेट में सूजन का क्या इलाज है ?

प्रोस्टेट में बढ़त के कई इलाज है पर वह मरीज़ के लक्षण, उसके उम्र और उसके ग्रंथि के आकार पर निर्भर होता है |

कौनसा इलाज आपके लिए सही है – दवाइयां या सर्जरी ?

इलाज के लिए दवाइयों का इस्तेमाल तब किया जाता है जब मरीज़ को केवल हलके या मध्य लक्षण होते है और कोई परेशानी नहीं होती | परंतु अगर वह कष्टदायी लक्षणों का सामना कर रहा हो तो प्रोस्टेट को छोटा करने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है |  

सचिन का प्रोस्टेट काफ़ी बढ़ा हो गया था जिसकी वजह से वह बिलकुल ही पेशाब नहीं कर पा रहा था | उसको पहले एक नलिका दी गयी जो उसके मूत्रमार्ग में डाला गया | इससे उसके ब्लैडर से सारा जमा हुआ पेशाब निकाला गया |

डॉक्टर ने उसको 5 – अल्फा ब्लॉकर नाम की दवाई दी और उसको दो हफ़्ते बाद आने को कहा |

दो हफ़्ते बाद जब सचिन के मूत्रमार्ग से वह नलिका निकाली गई तब डॉ. खन्ना ने उसको पेशाब करने की कोशिश करने को कहा |  

सचिन बहुत कोशिशों के बाद भी पेशाब करने में नाकामयाब रहा | तब डॉ. खन्ना ने उसको Transurethral Resection Of Prostate (TURP) नाम की एक minimally – invasive सर्जरी का सुझाव दिया |

सर्जरी का नाम सुनकर सचिन घबरा गया और उसने इस क्रिया के बारे में डॉक्टर से कई सवाल पूछे |

डॉ. मयंक ने वह क्रिया को समझाते हुए कहा, “इस क्रिया में Resectoscope नाम का एक यंत्र आपके गुप्तांग के द्वारा मूत्रमार्ग में डाला जाता है | उस यंत्र से फिर हम प्रोस्टेट ग्रंथि के उस हिस्से को कुरेद देते है जो पेशाब की धारा को रोके रखता है |”

प्रोस्टेट में सूजन के लिए HoLEP इलाज – Holmium Laser Prostate Surgery या Holmium Laser Enucleation of the Prostate (HoLEP) और एक minimally – invasive क्रिया है जिसको पेशाब की धारा रोकने वाली प्रोस्टेट तिस्सु को पूरी तरह से निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | मूत्रमार्ग के द्वारा Homium लेज़र को प्रोस्टेट ग्रंथि के पास ले जाया जाता है और वह हिस्सा कुरेद दिया जाता है जिससे पेशाब की धारा रुकी हुई होती है |

पूरी क्रिया को अच्छे से समझने के पश्चात् सचिन ने पूछा, “TURP इलाज के लिए लगभग कितना खर्चा होजाएगा ?”

प्रोस्टेट में सूजन के इलाज में कितना खर्चा लग सकता है ?

दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में प्रोस्टेट के इलाज के लिए Rs. 80,000 से लेकर Rs. 2,50,000 लग सकते है|

सर्जरी के बाद क्या-क्या सावधानी बरतें ?

ज़्यादातर पुरुषों को सर्जरी के 3 से लेकर 5 दिनों में डिस्चार्ज कर दिया जाता है | उनको ज़्यादा व्यायाम करने से या फिर भारी सामान उठाने से मना किया जाता है |

“अपको सर्जरी के बाद पब्लिक वाहनों में भी सफ़र नहीं करना चाहिए क्योंकि उनमें धक्का – मुक्कि की संभावना होती है |”

बीवी से इलाज के बारे में चर्चा करने के बाद सचिन ने सर्जरी कराने का फैसला किया |

सौभाग्यवश उसकी सर्जरी कामयाब रही |

अगली बार जब वह डॉ. मयंक के पास जांच के लिए आया तो उसने बढ़ते प्रोस्टेट के लक्षणों को सँभालने की सलाह मांगी ताकि वह अपने दोस्तों को और परिवार वालों को भी सतर्क कर सके |

प्रोस्टेट में सूजन होने पर क्या-क्या करें ?

“मैं अपने पेशेंट्स को ज़्यादातर कोई चीज़ खाने से मना नहीं करता परंतु कोई भी चीज़ अधिक मात्रा में  खाना भी ठीक नहीं है |”

प्रोस्टेट में परहेज

बढ़ते प्रोस्टेट के लक्षणों को कम करने के लिए अपने खानपान में निम्नलिखित बदलाव करें –

  • शाम के वक़्त ज़्यादा पानी ना पिए – बेहतर यह है कि आप सोने के दो-तीन घंटे पहले कुछ भी न पिए | इससे आपको रात में शौचाल्य कम जाना परेगा |
  • रोज़ सेहतमंद भोजन खाएं – ज़्यादा तेल वाले खाने से दूर रहे | वह मोटापा का प्रमुख कारण है | मोटापे से प्रोस्टेट का आकार और भी बढ़ सकता है | रोज़ ताज़ी हरी सब्ज़ियों का सेवन करें | और तो और लाल मांस जैसे की गोश्त और सुअर के गोश्त से परहेज़ करें |
  • कैफ़ीन और शराब से दूर रहें – यह चीज़ें ज़्यादा पीने से पेशाब ज़्यादा बनता है | इससे आपके लक्षण बद से बत्तर हो सकते है |

प्रोस्टेट

“शुक्र है कि सर्जरी के पश्चात् मैं बिलकुल ठीक महसूस कर रहा हूँ | अब मैं जान गया हूँ कि प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन का इलाज करना कितना महत्वपूर्ण है ,” सचिन ने कहा |  

“मैं अपने सारे दोस्तों को यही सलाह दूंगा कि वह भी अपने प्रोस्टेट की जांच कराएं ताकि वह जल्दी इलाज करा सके इससे पहले की कोई जानलेवा परेशानी आए |”

यह लेख डॉ. मयंक उप्पल के सहयोग से लिखा गया है।

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