Erectile dysfunction in hindi

Erectile Dysfunction In Hindi – पुरुषों में स्तंभन दोष की बीमारी

एक पुरुष के लिए सबसे कठिन समय तब होता है जब वह अपनी पुरूषत्वता ही खो देता है | यह समय है इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction in hindi) या स्तंभन दोष की बीमारी|

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction in hindi) या स्तंभन दोष पुरुषों में होने वाली एक बहुत ही आम यौन सम्बंधित परेशानी है |

भारत में 40 से ज़्यादा उम्र के कमसेकम 20 प्रतिशत पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जूझ रहे हैं | और चिंताजनक बात यह है कि यह गिनती बढ़ती ही जा रही है | अब कम उम्र के पुरुष भी इस परेशानी से जूझने लगे हैं |

तो आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं ताकि हम इस गिनती को मिलकर कम कर सके |

What is the meaning of Erectile Dysfunction (in hindi) – क्या होता है स्तंभन दोष ?

जब कोई पुरुष संभोग के समय अपने गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन या स्तंभन लाने में नाकामयाब हो जाता है या फिर उसको बरक़रार नहीं रख पाता, तब उस स्तिथि को इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष कहते है (erectile dysfunction meaning)|

डॉ. खन्ना, सीताराम भरतिया के सीनियर यूरोलॉजिस्ट, कहतें हैं – “कभी-कभार संतोषजनक संभोग के लिए गुप्तांग में इरेक्शन ना ला पाना कोई असामान्य बात नहीं हैं | परन्तु अगर यह अक्सर होता आ रहा है (लगभग 50 प्रतिशत वक़्त) तो यह परेशानी का संकेत हो सकता है |”  

इरेक्टाइल डिसफंक्शन से सम्बंधित कुछ और लक्षण –

  • कामेच्छा (libido) कम हो जाना
  • शरीर पर कम बाल आना
  • कम शेव करने लगना
  • वज़न का बढ़ना

प्रायः इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction meaning in hindi) एक अंतनिर्हित कारण का लक्षण होता है |

“स्तंभन दोष कभी-कभी हृदय संबंधी बिमारियों का संकेत भी हो सकता है | इसीलिए माना की इस स्तिथि के बारे में दूसरों से बात करना अत्यंत कठिन होता है परन्तु इस चीज़ को दबाने के बजाय डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए |”

नज़रअंदाज़ करने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction meaning in hindi) न केवल संतोषजनक संभोग करने में बाधा डालता है परन्तु एक दम्पति के बीच दूरियाँ भी पैदा कर देता है | इसके साथ-साथ पुरुष के स्वाभिमान को भी भारी ठेस पहुँचती है |

इसीलिए यह जानना ज़रूरी है कि पुरुषों को यह बीमारी किन कारणों से हो सकती है |

Erectile dysfunction in hindi – क्यों होता पुरुषों में स्तंभन दोष ?

संभोग के लिए गुप्तांग को उत्तेजित करना कई चीज़ों पर निर्भर करता है |

डॉ. खन्ना कहतें हैं – “यह एक पेचीदा क्रिया है जिसमें मस्तिष्क, होर्मोनेस, गुप्तांग में रक्त का बहाव, नसें, मांसपेशियाँ और पुरुष की भावनाएँ – सभी एक एहम भूमिका निभाती हैं | इनमें से अगर किसी में भी दिक्कत आजाए तो यह परेशानी उत्पन्न हो सकती है |”

इरेक्टाइल डिसफंक्शन कैसे होता है, यह समझने के लिए हमे पहले यह समझना होगा की गुप्तांग में स्तंभन होता कैसे है |

“गुप्तांग कई दलदले और नरम मांसपेशियों से बना हुआ है | संभोग के दौरान मस्तिष्क की नसें एक केमिकल छोड़ती है जिससे गुप्तांग में रक्त का बहाव बढ़ जाता है | ऐसा होने पर वे मांसपेशियाँ उस रक्त को गुप्तांग के अंदर रोक लेती है जिससे वह इरेक्ट और मज़बूत हो जाता है | संभोग के पष्चात वे नसें फिरसे गुप्तांग को सिग्नल भेजतीं हैं जिस्से रक्त बाहर आजाता है और स्तंभन खत्म हो जाता है |”

इस क्रिया में शामिल किसी भी हिस्से में परेशानी आने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है |

मनोवैज्ञानिक कारण (psychological causes)

बहुत से पुरुष ऐसे होते हैं जो अधिक से ज़्यादा तनाव लेने पर स्तंभन दोष के शिकार हो जाते है |

डॉ. खन्ना कहतें हैं – “अक्सर मनोवैज्ञानिक परेशानियों – जैसे डिप्रेशन (depression), एंग्जायटी (anxiety) – के कारण पुरुष उचित समय पर इरेक्शन नहीं प्राप्त कर पाते | यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक प्रमुख कारण है | कभी-कभी पुरुष अपने पार्टनर को संतुष्टि देने के लिए अधिक तनाव ले लेते हैं जिससे संभोग के दौरान फिर वे बौखला जाते हैं और परफॉर्म नहीं कर पाते |”

हृदय सम्बंधित कारण (cardiovascular causes)

इसमें सबसे आम कारण है arteriosclerosis जिसमें गुप्तांग में मौजूद रक्तवाहिनी (arteries) किनी कारणों की वजह से सख़्त हो जाती हैं | सख़्त होने के कारण वे बंद हो जाते है जिससे सही मात्रा में रक्त गुप्तांग तक नहीं पहुँच पाता | इसकी वजह से गुप्तांग में स्तंभन नहीं आ पाता |

रिस्क फैक्टर्स जिनसे arteriosclerosis होने की सम्भावना बढ़ जाती है –

  • अधिक से ज़्यादा वज़न रखना (Obesity)
  • डायबिटीज
  • शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज़्यादा होना
  • उच्च रक्त चाप होना (high blood pressure)
  • धूम्रपान करना
  • दिल की बीमारी होना

नसों से संबंधित कारण (neurological causes)

कई बार किन्हीं कारणों की वजह से गुप्तांग से जुड़े हुए नसों में आघात पहुँच जाता है जिससे फिर स्तंभन दोष उत्पन्न होता है |

“प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी कराने पर या श्रोणि में किसी भी प्रकार की सर्जरी कराने पर गुप्तांग से जुडी नसें डैमेज हो सकती हैं | रीढ़ की हड्डी पर आघात पहुँचने पर भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है |”

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction in hindi) और डायबिटीज (diabetes)

डॉ. सिल्विया एैरीन, सीताराम भरतिया की Consultant Diabetologist and Endocrinologist का कहना है – “डायबिटीज इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने का एक बहुत ही आम कारण है | डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों को कम उम्र में यह बीमारी होने की संभावना काफ़ी ज़्यादा होती है |”

यहाँ तक की लगभग 75 प्रतिशत डायबिटिक पुरुष अपने जीवन में इस बीमारी का सामना कर सकते हैं |

सोचने वाली बात यह है कि डायबिटीज का स्तंभन दोष से क्या ताल्लुक है ?

डॉ. सिल्विया समझातीं हैं – “डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की नसों, आँखों और किड्नीस पर असर डालती हैं, ख़ास तौर पर तब जब काफ़ी समय से शुगर पर नियंत्रण न किया गया हो | तीन तरीकों से यह बीमारी पुरुष के संभोग करने की क्षमता पर असर डाल सकती है |”

  1. अगर किसी पुरुष का ब्लड शुगर काफ़ी लम्बे समय से अनियंत्रित रहा है तो इससे स्वचल नसों को गंभीर नुक्सान पहुँचता है (autonomic neuropathy) | नसों को नुकसान पहुँचने के कारण वे सही से गुप्तांग की मांसपेशियों को सिग्नल नहीं भेज पाते जिससे इरेक्शन नहीं हो पाता | इस स्तिथि में स्तंभन दोष के अलावा पुरुषों को ये लक्षण भी महसूस हो सकते है – असाधारण रूप से पसीना आना (ख़ास तौर पर खाते वक़्त), अचानक से उठके बैठने पर सर घूमना, घबराहट होना (palpitations) और अचानक – अचानक से कब्ज़ या दस्त हो जाना |
  2. डायबिटीज से arteriosclerosis भी बढ़ने लगती है | “डायबिटीज होने पर गुप्तांग की रक्तवाहिनी के सख़्त होने की संभावना बढ़ जाती है |”
  3. डायबिटीज के साथ-साथ अगर मोटापा भी हो तो अक्सर हॉर्मोन्स में असंतुलन आ जाता है | “मोटापा के कारण पुरुष में मौजूद टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम हो सकती है जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है |”

अब जब हम इरेक्टाइल डिसफंक्शन के संभाव्य कारणों को जान गए है, आइए इसके इलाज पर गौर करते हैं |

Erectile dysfunction in hindi – कैसे करे इसका इलाज ?

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction meaning in hindi) जैसी बीमारी के इलाज का पहला कदम है पुरुष के संभोग करने की क्षमता को वापस लाना और उसके होने के कारण को ठीक करना |

डॉ. खन्ना कहतें हैं – “अगर स्तंभन दोष होने का कारण तनाव, डिप्रेशन या एंग्जायटी से जुड़ा हुआ है तो उस स्तिथि में हम मरीज़ को psychiatrist की मदद लेने का सुझाव देते है | जहाँ तक की संभोग की बात है, गुप्तांग को उत्तेजित करने के लिए दवाइयों और इंजेक्शंस का इस्तेमाल किया जा सकता है |”

कुछ ऐसी दवाइयाँ हैं – viagra, cialis, adcirca आदि |

“परन्तु ध्यान रहे कि ये दवाइयाँ केवल डॉक्टर की देख-रेख में ही ली जाए | खुदसे ये दवाइयाँ लेना जानलेवा हो सकता है ख़ास तौर पर तब जब मरीज़ को कोरोनरी आर्टरी रोग होता है |”

संभोग करते वक़्त स्तंभन पाने के लिए कुछ आसान से यंत्रों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है | इन यंत्रों से पुरुष अपने गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन पा सकते है और उसको बरक़रार भी रख सकते है |

इनमे से एक यंत्र है गुप्तांग पर पम्प (penis pump) – यह एक खोखला ट्यूब है जो बैटरी से चलता है | इस ट्यूब को गुप्तांग के ऊपर रख कर पम्प की सहायता से हवा बहार निकाल दी जाती है जिससे एक वैक्यूम बन जाता है | यह वैक्यूम रक्त को गुप्तांग के अंदर खींच काटा है जिससे वह इरेक्ट हो जाता है | इसके पष्चात एक तरह के रिंग का इस्तेमाल करके उस इरेक्शन को बरक़रार रखा जाता है |  

डॉ. खन्ना ने कहाँ “अगर दवाइयों से इरेक्टाइल डिसफंक्शन ठीक न हो पाए तो सर्जरी भी एक उपाय हो सकता है | पीनाइल प्रॉस्थेसिस या पीनाइल इम्प्लांटेशन एक क्रिया है जिससे ये बीमारी ठीक हो सकती है | इस क्रिया में गुप्तांग के भीतर यंत्र लगाए जाते है जो उसको इरेक्ट होने में मदद करता है |”

डायबिटीज में erectile dysfunction (in hindi) का इलाज

क्योंकि डायबिटिक पुरुषों को यह बीमारी होने की अधिक संभावना है, शुरू से ही कुछ चीज़ों का ख्याल रखने से स्तंभन दोष से बचा जा सकता है |

“ज़रूरी है कि उच्च शुगर लेवल्स रखने वाले पुरुष अपने ब्लड शुगर को शुरुआत से ही नियंत्रित करें | क्योंकि डायबिटीज के शुरूआती पड़ाव अलक्षणी होते हैं, लोग अक्सर अपने शुगर लेवल्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं | इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो ही जाता है” डॉ. सिल्विया का कहना है |

स्तंभन दोष से बचने के लिए डायबिटिक पुरुषों को अपने जीवनशैली में निम्नलिखित बदलाव करने चाहिए-

  • धूम्रपान पर रोक लगाना
  • लिमिटेड मात्रा में शराब का सेवन करना
  • डायबिटीज के साथ-साथ मोटापा होने पर अपने वज़न का ख़ास ध्यान रखना | अधिक वज़न होने पर रोज़ व्यायाम करके वज़न घटाने की कोशिश करना ताकि एक स्वस्थ BMI प्राप्त हो सके
  • शुरूआती लक्षण जैसे असाधारण रूप से पसीने आने को नज़रअंदाज़ न करना

“टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने पर डॉक्टर के निर्देशन में टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (testosterone replacement therapy) अपनाने से यह परेशानी ठीक हो सकती है |”

अंत में कारण चाहे जो भी हो, ऐसे वक़्त में एक पुरुष को सबसे ज़्यादा अपने परिवार और दोस्तों की ज़रूरत होती है | भावनात्मक सहायता मिलने से उनको इस परेशानी से जूझने की हिम्मत मिलती है |

“यह बीमारी पुरुष के लिए शर्मिंदगी ला सकती है इसीलिए ज़रूरी है कि ऐसे समय में आप अपने अपनों से बात करें और मन में कोई दुविधा न रखें” ऐसा कहना है डॉ. खन्ना का |

“हर परेशानी का कोई न कोई इलाज होता है | इसीलिए चिंता करने के बजाए ज़रूरी है कि हम उस परेशानी को सुलझाने के लिए सही मेडिकल सुझावों को मानें |”

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